स्मिताश्रीवास्तव,जेएनएन।राजाकृष्णमेननद्वारालिखितऔरनिर्देशितफिल्म‘एयरलिफ्ट’साल1990मेंइराक-कुवैतयुद्धमेंफंसेएकलाख70हजारभारतीयोंकोसुरक्षितनिकालनेकीसच्चीकहानीहै।कुवैतमेंबसेकुछभारतीयोंकीमददऔरभारतसरकारकीपहलपरएयरइंडियाकेविमान59दिनोंमें488उड़ानोंकेजरिएसभीभारतीयोंकोसुरक्षितस्वदेशलेकरलौटेथे।राजाकृष्णमेननबतारहेहैंफिल्मकेनिर्माणकीप्रक्रिया...
‘मैंकेरलसेताल्लुकरखताहूं।कुवैतसेसुरक्षितनिकालकरलाएगएलोगोंमेंकाफीलोगकेरलसेथे।विदेशमेंरहरहेभारतीयोंकोइसप्रकारसुरक्षितस्वदेशलाना,यहएकबहुतबड़ीउपलब्धिथी।मुझेलगाथाकिइसबारेमेंलोगोंकोबतानाचाहिए।मैंनेइसकीबेसिककहानीलिखलीथी।साल2013मेंमैंनेजबयहकहानीनिर्माताओंकोसुनाईतोउन्होंनेकहाकिचलोबनातेहैं।मैंनेफिरसेस्टोरीपरकामकरनाचालूकिया’।
‘युद्धसेइतरयहमानवीयसंवेदनाओंकीकहानीथी।सरकारनेएकलाख70हजारलोगोंकोवहांसेनिकालाथा।उसकाकोईलिखितरिकॉर्डनहींहै।जितनेलोगवहांपरथे,उनकेअपनेअनुभवथे।यहफिल्मकुवैतमेंरहरहेभारतीयव्यवसायीमैथुनीमैथ्यूजसेप्रेरितथीजोटोयोटासनीकेतौरपरविख्यातरहेहैं।अबउनकानिधनहोचुकाहै।मैंनेउनकेसाथकाफीसमयबितायाथा।मैंनेउनसेपूछाथाकिआपपहलेनिकलसकतेथे,लेकिनआपनेवैसानहींकियातोउन्होंनेकहाकिमेरेलोगफंसेथेतोमैंकैसेवापसजासकताथा।इसघटनाक्रमसेजुड़ाबीबीसीकाछोटासाफुटेजदेखा।छोटी-छोटीचीजोंकोआधारबनातेहुएहमनेकहानीकोगढ़ा।इसकीरिसर्चमेंपांचसालकासमयलगा’।
‘शरुआतसेहीहमें‘एयरलिफ्ट’टाइटलअच्छालगाथा।हमनेअलग-अलगलोगोंसेफोटो,वीडियोलिए।उन्हेंदेखकरहमनेउसदौरकोरचा,परयुद्धकामाहौलहमनेउसघटनाकेसंदर्भमेंलोगोंकेअनुभवजानकरज्यादातरकल्पनाओंसेगढ़ाथा।प्रोडक्शनडिजायनरमुस्तफास्टेशनवालाकाएकभाईकुवैतमेंथा।उनसेहमेंकाफीजानकारीमिली’।
‘फिल्मकीशूटिंगहमनेदुबईकेरसलखेमामेंकीथी।वहांपरपिछलीसदीकेनौवेदशककीबहुतसारीपुरानीकारेंमिलगईथीं।हमनेउनकीमरम्मतऔररंगरोगनकरकेउन्हेंतैयारकिया।रसेलखेमामेंएकरोडपरहमनेवॉरकीसिचुएशनबनायीथी।हमशूटिंगकरनेकेलिएपहुंचेथे,परदेखाकिवहांपरलोगोंमेंदहशतहै।उन्हेंलगाकिवास्तवमेंकुछहुआहै।एकसीनमेंरंजीतकटियाल(अक्षय)औरइब्राहिम(पूरब)इराकजातेहैंऔरभारतीयराजदूतसेमुलाकातकरतेहैं।वहांसेबाहरआकरचायपीतेहैं’।
‘बाहरीदीवारपरहमनेइराकीतानाशाहसद्दामहुसैनकापोस्टरलगायाथा।उसेदेखकरस्थानीयलोगपरेशानहोगएथे।पुलिसआगईथी।मुझेलगाकिशूटिंगबंदकरनीपडे़गी,परसबकुछहैंडिलहोगया।जबज्ञातहोकिअंतमेंक्याहोनेवालाहैतोदर्शकोंकीजिज्ञासाबनाएरखनाचुनौतीहोतीहै।हमाराफोकसइसपरथाकियहकैसेहुआ।एकसीनमेंरंजीतकटियालअपनेड्राइवरकीबीवीसेजाकरमिलतेहैंयहबतानेकेलिएकिइराकीसैनिकोंनेउसेमारडाला।मैंनेअक्षयसेकहाकिआपआंखोंसेउसेबयांकरो।उसेउन्होंनेबहुतखूबसूरतीसेनिभायाथा।एकडेढ़मिनटकाशाटफिल्ममेंयूनीकहै।उसेहमनेएकटेकमेंशूटकियाथा।अक्षयकारमेंहैं,उसकेजरिएहमदेखतेहैंकिकुवैतमेंक्याहोरहाहै।ऐसेवारसीनफिल्मानाआसाननहींहोता।इतनेसारेलोगहोतेहैं।बंदूकेंहोतीहैं।धुंआहोताहै,परयहीफिल्ममेकिंगकामजाभीहै’।
‘इनामुलहककाकिरदारछोटा,लेकिनयादगारथा।मुझेटिपिकललंबाचौड़ाविलेननहींचाहिएथा।ऐसाकिरदारचाहिएथाजिसकेपासज्यादापावरनहो,लेकिनउसेवहांपरतैनातकियागयाहो।वहथोड़ाकरप्टभीहो।इनामुलउसकीपूरीलाइफहिस्ट्रीलिखकरलाएथेकियहबंदाऐसारहाहोगा।उन्होंनेउसकेलिएअरेबिकसीखनाशुरूकिया।वहउसदौरानपूरीतरहकुवैतीबनगएथे।कुवैतसेभारतलाएगएकुछलोगोंकोमैंनेफिल्मदेखनेकेलिएबुलायाथा।वेउसघटनाकोयादनहींकरनाचाहतेथे,परफिल्मदेखनेकेबादउन्होंनेकहाकिआपनेघटनाकेमूलभावकोस्पर्शकियातोमुझेबहुतखुशीहुई'।
'काल्पनिककिरदारमेंदिखाईकईलोगोंकीछविकुवैतमेंफंसेभारतीयोंकोसुरक्षितनिकालनेकेइसकार्यमेंभारतीयव्यवसायीमैथुनीमैथ्यूजउर्फसनीटोयोटाकाकरीबडेढदर्जनलोगोंनेसक्रियसहयोगकियाथा।उन्होंनेबाकायदाएककमेटीबनाकरकामकरतेहुएइसअभियानकोसफलबनायाथा,परइतनेसारेलोगोंकेसाथकहानीकहनामुश्किलथा।इसबारेमेंजबसनीसेबातकीतोउन्होंनेकहाकिआपसिर्फमेरानामलेंगेतोयहकहानीगलतहोगी।अगरआपउनसभीडेढ़दर्जनलोगोंकानामनहींलेसकतेहैं,जिन्होंनेइसकठिनकार्यमेंयोगदानदियातोबेहतरहैकिकोईकाल्पनिककिरदारबनाएंजिसमेंउनसभीकीखूबियांआजाएं।हमनेवहीकोशिशकी।