18वींसदीकेसबसेबड़ेशायर.जिनकेकाव्यकोशमेंलगभगदोलाखसेज्यादाछंदशामिलहै.जिसेनज्मकापितामहकहाजाताहै.ऐसेशायरकोकलासाहित्यऔऱप्रेमकीनगरीनेहीबेगानाकरदिया.हमबातकररहेहैंनजीरअकबराबादीकी,जिनकाजन्मयूंतोदिल्लीमेंहुआथा.लेकिनउनकाआखिरीसमयआगरामेंबीता.कृष्णकोलेकरतमामशायरियांऔरनज़्मलिखी.लेकिनआगराशहरकोइतनाकुछदेनेकेबावजूदभीनजीरकोवहसम्माननहींमिलाजिसकेवोहक़दारहैं.आजउनकीमजारपरअतिक्रमणहोचुकाहै.आवारापशुघूमतेहैं,समयकीमारसेउनकीमजारबहुतहीखराबहालतमेंहै.
दिल्लीमेंहुआथाजन्मलेकिनआगरामेंबीताआख़रीसमय.
नजीरअकबराबादीकाजन्म1735मेंदिल्लीमेंहुआऔरउनकाआखिरीसमयज्यादातरआगरामेंगुजरा.1830मेंउन्होंनेदुनियासेअलविदाकिया.लेकिनजाते-जातेनज़ीरलोगोंकेलिएऔरसाहित्यप्रेमियोंकेलिएखजानाछोड़गए.
नज़ीरअकबराबादीजिनकाअसलीनामवलीमुहम्मदथा.उनकोंउर्दू‘नज़्मकापिता’मानाजाताहै.वहआमलोगोंकेकविथे.उन्होंनेआमजीवन,ऋतुयों,त्योहारों,फलों,सब्जियोंआदिविषयोंपरलिखा.वहधर्म-निरपेक्षताकीज्वलंतउदाहरणहैं.कहाजाताहैकिउन्होंनेलगभगदोलाखरचनायेंलिखीं.परन्तुउनकीछहहज़ारकेकरीबरचनायेंमिलतीहैंऔरइनमेंसे600केकरीबग़ज़लेंहैं.
नजीरकीकब्रकेआसपासहोगयाहैकब्जा,मज़ारपरघूमतेरहतेहैंआवाराजानवर
नजीरऔरउसकेपरिवारकीलगभगएकदर्जनसेज्यादाकब्रथानाताजगंजक्षेत्रकेमलकूगलीमेंहै.ताजमहलसेमहज़200मीटरकीदूरीपरउनकीमजारहै.लेकिनफिरभीउसेसंरक्षितनहींकियागया.उनकीमजारकेआसपासलोगोंनेकब्जाकरलियाहै.क़ब्रपरआवारापशुघूमतेरहतेहैं.इसकेसाथहीआसपासकेइलाकेकेलोगअपनेपालतूजानवरभीक़ब्रसेसटाकरबांधदेतेहैं.आवारापशुआएदिनउनकीमजारपरमलमूत्रत्यागतेरहतेहै.
धार्मिककट्टरताकाशिकारहुएनज़ीरअकबराबादी।
नजीरअकबराबादीसर्वधर्मकेकविथे.उन्होंनेसभीधर्मोंकोसमानसमझा.सभीईश्वरकोएकमानाऔरयहीबड़ीगलतीउनकीबेकद्रीकाकारणभीबनी.इस्लामकेलोगोंकोउनकेद्वारालिखीगईनज्मपसंदनहींआई.खासकरउन्होंनेभगवानश्रीकृष्णकेलिएकईग़ज़ल,नज़्म,शायरियांलिखी.गुरुनानकदेवकेलिएभीउन्होंनेकईशायरियांलिखी.जिसवजहसेउसमहानकविकोकुफ़्र(यानीकिईश्वरकोनमाननेवाला)कहागया.जिसकीवजहसेइस्लामधर्मकेलोगोंनेउन्हेंअपनेमजहबसेहमेशाकेलिएदरकिनारकरदिया.इसीधार्मिकझुकावकेचलतेनज़ीरअकबराबादीमरनेकेबादभीवहइज्जतनहींपासकेजोउन्हेंमिलनीचाहिएथी.
[हरीकान्तशर्माकीरिपोर्ट]
ब्रेकिंगन्यूज़हिंदीमेंसबसेपहलेपढ़ेंNews18हिंदी|आजकीताजाखबर,लाइवन्यूजअपडेट,पढ़ेंसबसेविश्वसनीयहिंदीन्यूज़वेबसाइटNews18हिंदी|