प्रशांतसिंह,सिद्धार्थनगर:
डा.केसीशर्माखुदतोनेत्रविशेषज्ञनहींहैं,इसकेबावजूदउन्होंनेदृष्टिबाधितलोगोंकीपीड़ाकोसमझा।गोरखपुरकेनेत्रविशेषज्ञवअपनी24लोगोंकीटीमकेसहयोगसेवहअबतकगोरखपुरवबस्तीमंडलकेकरीबडेढ़सौलोगोंकीआंखोंकीरोशनीनेत्रप्रत्यारोपणकेजरिएलौटाचुकेहैं।यहकामपूरीतरहनिश्शुल्ककियाजाताहै।उनकीयहमुहिमअबभीजारीहै।
सिद्धार्थनगरकेमोहल्लाबुद्धनगररेलवेस्टेशनरोडनिवासीआयुर्वेदचिकित्सकडा.शर्माकरीबदसवर्षपूर्वगोरखपुरमेंप्रैक्टिसकरनेकेलिएगएथे।यहांइन्हेंनेत्रसर्जनडा.अनिलश्रीवास्तवकासहयोगमिला।डा.श्रीवास्तवहीआपरेशनकरतेहैं।इसकेबादकारवांतैयारहुआ।यहटीमप्रत्येकक्षणमुस्तैदरहतीहै।रातहोयादिन,सूचनामिलनेपरकिसीसैनिककीभांतियहचारसेपांचमिनटमेंतैयारहोजातेहैं।मौकेतकपहुंचनेवशवकेआंखोंसेकार्नियानिकालनेकेलिएमहजतीनघंटेकाइनकेपाससमयहोताहै।इसकेबादइसेआइबैंकमेंसुरक्षितरखतेहुएतीनदिनोंकेभीतरहीप्रत्यारोपितभीकरनाहोताहै।
एकआपरेशनमेंआताहैइतनाखर्च
डा.शर्माबतातेहैंकिअगरलोगनेत्रदानकीदिशामेंआगेआएंतोदेशमें65फीसददृष्टिबाधिताकोदूरकियाजासकताहै।इससमयएकबारकार्नियाट्रांसप्लांटकरनेमेंकरीबछहसेसातलाखरुपयेकाखर्चआरहाहै।कोविडकालमेंयहखर्चबढ़गयाहै।यहटांकेकैटगेट्स(आपरेशनमेंप्रयुक्तहोनेवालाधागा)कीकीमतमेंहुईबढ़ोत्तरीकेकारणहुआहै।पहलेयहकामएकसेदोलाखतकमेंहोजाताथा।इसकेलिएआपरेशनकरनाहोताहै।इसखर्चकावहनऔद्योगिकघराने,अधिकारी,चिकित्सकवबड़ेव्यवसायीकरतेहैं।