(अदितिगुप्ता)बागपत/कैराना(उत्तरप्रदेश),31मार्च(भाषा)समूचेपश्चिमीउत्तरप्रदेशमेंगन्नेसेलदेट्रकमिलोंमेंजानेकीबाटजोहरहेहैं।हालांकिट्रकोंमेंलदेयेमीठेरसीलेगन्नेबकायाभुगताननहींहोनेऔरकमकीमतअदायगीकीमारसेपरेशानगन्नाकिसानोंकीकड़वीकहानीबयांकरतेहैं।देशकेचीनीकेकटोरेकेनामसेमशहूरपश्चिमीउत्तरप्रदेशकायहसमूचाइलाकाचुनावप्रचारकेइसमौसममेंपोस्टरों,झंडों,रैलियोंसेपटापड़ाहै।लेकिनइसचुनावनेकईकिसानोंकेघावहरेकरदिएहैं।ऐसाप्रतीतहोताहैकिपार्टियोंद्वाराकियेगयेवादोंकेपूरानहींहोनेकेकारणइलाकेमेंनोटा(इनमेंसेकोईनहीं)विकल्पकेउपयोगकेस्वरअधिकउठरहेहैंक्योंकियहांकेकिसानोंकाकहनाहैकिवेवादोंसेतंगआचुकेहैंऔरउन्हेंनहींपताकिकिसपरभरोसाकियाजाये।कैरानामेंकरीब30सालसेगन्नेकीखेतीकररहेनिराशकिसानओमसिंहकहतेहैं,‘‘हमलोगनोटाकाचयनकरेंगे।’’उनकाकहनाहैकिवहअपनेपरिवारकाभरण-पोषणतकनहींकरपारहेहैं।हरकिसानकोकमसेकमडेढ़लाखरुपयाबकायाराशिकाभुगतानहोनाशेषहै।कैराना,बागपतऔरमुजफ्फरनगरमेंकुल11चीनीमिलेंहैंऔरट्रकोंमेंलदेयेगन्नेइनमिलोंमेंजानेकाइंतजारकररहेहैं।उपजतौलेजानेकेइंतजारमेंबागपतकीरामलाचीनीमिलकेआगेबैठे55वर्षीयसत्यवीरनेकहा‘‘पांचदशकसेमेरापरिवारगन्नाउगारहाहै।हमारीआजीविकाइसीसेचलतीहै।लेकिनराजनीतिकदलोंकेझूठेवादोंसेहमतंगआगएहैं।’’उन्होंनेकहाकिमिलप्रबंधकहमेंकहतेहैंकिसरकारसेउनकापैसामिलतेहीहमेंबकायामिलजाएगा।‘‘लेकिनकब...?’’सत्यवीरकोदोलाखरूपयेसेअधिककीबकायाराशिमिलनीहै।