नयीदिल्ली,25अप्रैल(भाषा)एकमहीनेसेऊपरकावक्तहोगयाहैजबजीवनकीरफ्तारथमसीगईहैऔरलोगजीवनमेंअच्छे-बुरेअनुभवोंकासामनाकररहेहैं।परिवार,दोस्तोंऔरसहयोगियोंकेसाथरिश्तोंमेंफिरसेसामंजस्यबिठायाजारहाहैऔररोजजबअबउनकीआंखेखुलतीहैंऔरहकीकतसेवास्तापड़ताहैतोभारतीयसमाजकीजड़ोंमेंव्याप्तसमानताऔरअसमानताओंसेउनकासामनाहोताहैतथाअपनेऔरदूसरोंकाफर्ककरीबसेमहसूसहोताहै।कोरोनावायरसकेप्रसारकोरोकनेकेप्रयासमेंप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीकीओरसे24मार्चशामकोदेशव्यापीबंदकीघोषणाकेएकदिनबादसेभारतमेंलॉकडाउनलागूहै।उसकेबादसेअबतकगुजरेदिनोंमें,1.3अरबभारतीय,केंद्रीयस्थानोंऔरदूरस्थकोनोंमेंबसेअमीरऔरगरीब,सभीनेदुनियाभरमेंफैलीमहामारीकेडरकासामनाकियाहै।तीनमईतकबढ़ाएगएबंदकीबेचैनीसेकोईभीअछूतानहींहै,नतोशानदारकोठियोंमेंरहरहेरईसकारोबारी,नघरोंमेंबंदमध्यमवर्गऔरनहीकिरायेकेछोटे-छोटेघरोंमेंदिहाड़ीमजदूर।भयकीयहस्थितिभलेहीसबकेलिएसामान्यहोलेकिनइनकेबीचकीअसमानताओंकाफर्कभीतुरंतदेखनेकोमिला।बंदलागूहोतेहैजहांलाखोंलोगअपनेघरोंमेंकैदरहनेपरमजबूरहोगएवहींप्रवासीऔरदिहा़ड़ीमजदूरजोअपनेघरोंसेमीलोंदूरफंसेहुएथे,उनकाभविष्यअनिश्चितताओंमेंघिरगयाजहांनउनकेपासपैसाहै,नखानाऔरननौकरी।ज्यादातरमध्यमएवंऊपरीवर्गकेपरिवारअपनेकरीबियोंकेसाथइतनासमयबितानेकोएकचुनौतीकीतरहदेखरहेहैंऔरकईउनकेबिनाअलग-थलगपड़ेअवसादझेलरहेहैं।जीवनकेनयेतरीकेकेअनुकूलढलना-घरेलूसहायक-सहायिकाओंकीमददकेबिनाघरकासाराकामकरना,घरसेबाहरनिकलनेकेलिएतैयारहोनेकीजरूरतसेमिलीमुक्तिऔरदिनभरघरकेअंदररहनाआम-खाससभीकेजिंदगीकाहिस्साबनगयाहै।गुड़गांवकेपारसअस्पतालकीक्लिनिकलमनोवैज्ञानिकप्रीतिसिंहकेमुताबिक,इसलॉकडाउननेलोगोंकोजरूरतऔरइच्छाओंकेबीचफर्ककरनासिखायाहैऔरउन्हें“अपनीजरूरतोंकोप्राथमिकतादेने’’मेंमददकीहै।सिंहनेपीटीआई-भाषासेकहा,“इसनेलोगोंकोएहसासकरायाहैकिकोईभीव्यक्तिअल्पतमजरूरतोंकेसाथऔरदुनियामेंव्याप्तवस्तुवादकेबिनाभीगुजाराकरसकताहै।’’बंदकेइनदिनोंकोलोगजीवनभरयादरखेंगेऔरइसनेसामजिकदूरीबनाएरखनेकीजरूरतकेमद्देनजकसामाजिकसंवाद,त्योहारोंकाजश्नऔरयहांतककिशोकमनानेकेनयेतरीकेभीसीखेहैं।कईलोगोंनेमानाकियहउनकीताकतोंकोफिरसेआंकनेऔरकईमामलोंमेंछिपीहुईप्रतिभाओंकोसामनेलानेकाभीअवसरहै।