NationalFamilyandHealthSurvey2021:भारतमेंजनसांख्यिकीयबदलावकासंकेतदेतेहुएपहलीबारमहिलाओंकीसंख्यापुरुषोंसेअधिकहोगईहै.इसकेसाथ-साथलिंगानुपात1,020केमुकाबले1,000रहाहै.यहजानकारीराष्ट्रीयपरिवारऔरस्वास्थ्यसर्वेक्षण-5(NFHS)केनिष्कर्षोंसेमिलीहै.स्वास्थ्यमंत्रालयकेएकअधिकारीनेकहाकिलिंगानुपात1000कोपारकरजानेकेसाथहीहमकहसकतेहैंकिभारतविकसितदेशोंकेसमूहमेंआगेबढ़रहाहै.उन्होंनेकहाकिइसकाश्रेयमहिलासशक्तिकरणकेलिएकिएगएउपायोंजैसेवित्तीयसमावेशऔरलैंगिकपूर्वाग्रहतथाअसमानताओंसेनिपटनेआदिकोहै.
जन्मकेसमयकालिंगानुपातभी2019-20में929होगयाजो2015-16में919था.यहउठाएगएविभिन्नकदमोंऔरसंबंधितकानूनोंकेप्रभावीकार्यान्वयनकेसकारात्मकप्रभावकोदर्शाताहै.वर्ष2005-06मेंकराएगएराष्ट्रीयपरिवारऔरस्वास्थ्यसर्वेक्षण-3मेंयहअनुपात1000:1000थाजो2015-16(NFHS-4)मेंघटकर991:1000परआगयाथा.
केंद्रीयस्वास्थ्यमंत्रालयनेभारतएवं14राज्योंऔरकेंद्रशासितप्रदेशोंकेलिएजनसंख्या,प्रजननऔरबालस्वास्थ्य,परिवारकल्याण,पोषणऔरअन्यविषयोंकेप्रमुखसंकेतकोंसेजुड़ेतथ्यएनएफएचएस-5केचरणदोकेतहत24नवंबरकोजारीकिए.पहलेचरणमेंशामिल22राज्योंऔरकेंद्रशासितप्रदेशोंकेलिएNFHS-5केतथ्यदिसंबर,2020मेंजारीकिएगएथे.
NFHS-5केअनुसार,देशमें88.6प्रतिशतजन्म(सर्वेक्षणसेपहलेकेपांचसालमें)अस्पतालमेंहुए.अधिकारियोंनेकहाकिNFHS-4(78.9प्रतिशत)केबादसेमहत्वपूर्णवृद्धिइसबातकाप्रमाणहैकिभारतसार्वभौमिकसंस्थागतजन्मकीओरबढ़रहाहै.
सर्वेक्षणकेनिष्कर्षोंमेंकहागयाहैकिदेशमेंकुलप्रजननदर(प्रतिमहिलाबच्चे)प्रजननक्षमताके‘प्रतिस्थापन’स्तरपरपहुंचगईहै,जोएकमहत्वपूर्णजनसांख्यिकीयउपलब्धिहै.2015-16मेंकुलप्रजननदर2.2थीजो2019-21मेंप्रतिमहिला2.0बच्चोंतकपहुंचगईहै.इसकामतलबहैकिमहिलाएंअपनेप्रजननकालमेंपहलेकीतुलनामेंकमबच्चोंकोजन्मदेरहीहैं.मंत्रालयकेएकअधिकारीनेकहाकियहपरिवारनियोजनसुविधाओंकेबेहतरउपयोग,देरसेविवाहआदिकोभीइंगितकरताहै.इसकेसाथहीपांचसालसेकमउम्रकेबच्चोंकेलिएजन्मपंजीकरणबढ़कर89.1प्रतिशतहोगयाहैजो2015-16में79.7प्रतिशतथा.