नीलकमल,पटनाइच्छुकसभीप्रवासीमजदूरोंकोबिहारलानेकीबातकहनेकेसाथमुख्यमंत्रीनीतीशकुमारनेकुशलप्रवासीमजदूरोंकेसहारेबिहारकीअर्थव्यवस्थामजबूतकरनेकीतैयारीभीकररहेहैं।मुख्यमंत्रीनेउद्योगविभागकोनिर्देशदियाहैकिविभागकोरोनाकेचुनौतीकोअवसरकेरूपमेंलेकरमजदूरोंकोउनकेस्किलकेअनुसाररोजगारउपलब्धकरानेकीव्यवस्थाकरें।सीएमनीतीशकामाननाहैकिप्रवासीमजदूरोंकाकौशलराज्यकीअर्थव्यवस्थामजबूतकरनेमेंमहत्वपूर्णयोगदानदेसकताहै।नीतीशनेदियाहैअधिकारियोंकोपांचटास्ककोरोनामहामारीकेबढ़तेसंक्रमणकेबीचनीतीशसरकारनेअधिकारियोंकोपांचबिंदुओंपरकामकरनेकानिर्देशदियाहै।वेइसप्रकारहै-घरवापसीकरनेवालेसभीमजदूरोंकोउनकेकौशलकेआधारपररोजगारदेंसभीगरीबपरिवारकोउपलब्धहोराशनकार्डकिसानोंकोराहतपहुंचानेकेलिएक्षतिपूर्तिकृषिइनपुटअनुदानदेंसामाजिकसुरक्षापेंशनकेयोग्यनयेलाभुकोंकोजल्दपेंशनकीराशिदेंकोरोनासंक्रमणरोकनेकेलिएप्रतिदिनकमसेकम10हजारटेस्टिंगकीव्यवस्थाकीजाए.लॉकडाउनबेरोजगारीमनरेगाकोरोनासंकटकेबीचबेरोजगारीदरमेंवृद्धिकोरोनावायरससंक्रमणसेनिपटनेकेलिएलागूदेशव्यापीलॉकडाउनकेदौरानदेशमेंबेरोजगारीदरमेंलगातारवृद्धिदर्जकीगईहैऔरसीएमआईईकीरिपोर्टकेअनुसारतीनमईकोसमाप्तसप्ताहकेदौरानयहबढ़कर27.11प्रतिशतहोगई।हालांकिखेतीबाड़ीकाकामकररहेलोगइसपूरीगिरावटमेंअपवादहैंजहांमार्च-अप्रैलमेंइसक्षेत्रमेंकामकरनेवालेलोगोंकीसंख्यामेंबढ़ोतरीदर्जकीगईहै।सेंटरफॉरमॉनिटरिंगइंडियनइकोनॉमी(सीएमआईई)नेअपनीसर्वेरिपोर्टमेंयहबातकहीहै।रिपोर्टमेंकहागयाहैकिसबसेज्यादाचुनौतीपूर्णबेरोजगारीदरवालेराज्योंमेंतमिलनाडु(49.8%),झारखंड(47.6%),बिहार(46.6%),हरियाणा(43.4%)औरकर्नाटक(29.8%)शामिलहैंजबकिकमबेरोज़गारीदरवालेराज्योंमेंपंजाब,हिमाचलप्रदेश,छत्तीसगढ़औरतेलंगानाजैसेराज्यहैं।श्रमिकस्पेशलसेनोएडासेबिहारपहुंचेलोग,घरपहुंचकरयूंमातृभूमिकोचूमकरकियासलामकिसानमजदूरशक्तिसंगठनकेसंस्थापकसदस्यनिखिलडेनेकहाकिलॉकडाउनकेकारणआर्थिकगतिविधियांबंदहोनेसेहरसेक्टरमेंबेरोजगारीबढ़ीहै।लॉकडाउनकेदौरानपिछलेदोमहीनेमेंशहरोंमेंकामकरनेवालेप्रवासीमजदूरोंकीस्थितिऔरभीखराबहुईहै।एकतरफउनकीबचतखत्महोगईहैतोदूसरीओरभविष्यकीअनिश्चितताकोदेखतेहुएवेघरोंकोवापसलौटनेकोमजबूरहै।उन्होंनेकहाकिशहरोंमेंकोरोनासंक्रमणकेचलतेफिलहालअधिकांशउद्योग-कारोबारबंदहैं।येश्रमिकजोअभीतकअपनीजीविकाकेलिएसरकारोंपरनिर्भरनहींथे,अबउनकीओरबड़ीउम्मीदसेदेखरहेहैं।ऐसेमेंमनरेगाकोगतिदेनेसेश्रमिकोंकोपहलेकीतरहमजदूरीतोनहींमिलेगी,लेकिनमनरेगाकेतहतइतनापैसामिलजाएगाकिजिंदगीकागुजरबसरहोसकताहै।सीएमआईईकीरिपोर्टकेअनुसार,सिर्फ़खेतीबाड़ीकाकामकररहेलोगइसपूरीगिरावटकाअपवादहैं।कृषिक्षेत्रमेंकामकररहेलोगोंनेमार्च-अप्रैल2020में5फ़ीसदी(.6करोड़लोग)कीबढ़ोतरीदर्जकीहैऔरऐसाइसलिएहोरहाहैकिशहरोंमेंरोज़गारछूटनेकेबादलोगगाँवलौटरहेहैं।डेनेकहा,‘नगरोंसेइसतरहकेपलायनकोदेखतेहुएसरकारको‘शहरीमनरेगा’योजनाशुरूकरनीचाहिए।’सीएमआईईकीसर्वेरिपोर्टकेअनुसार,वेतनभोगीरोज़गारपरलगेलोगोंकीसंख्यामेंभीअप्रत्याशितकमीआईहै।2019-20मेंजहांउनकीसंख्या8.6करोड़थीतोअप्रैल2020मेंवहघटकर6.8करोड़रहगई।इसवर्गकेरोज़गारमें21फ़ीसदीगिरावटदर्जकीगई।रिपोर्टकहतीहैकिवेतनभोगीरोज़गारवालेलोगोंकीसंख्याभारतमेंपिछलेतीनसालोंसे8से9करोड़केबीचरहीहै।येगिरावटइसलिएभीमहत्वपूर्णहैकिइसवर्गमेंनयेअवसरपैदाहोनेकेआसारकमहैं।रिपोर्टमेंकहागयाकिशहरीइलाकोंमेंबेरोजगारीदरग्रामीणक्षेत्रोंकीतुलनामेंअधिकहै।लॉकडाउनसेदिहाड़ीमजदूरोंऔरछोटेव्यवसायोंसेजुड़ेलोगोंकोभारीझटकालगाहै।इनमेंफेरीवाले,सड़ककिनारेदुकानेंलगानेवालेविक्रेता,निर्माणउद्योगमेंकामकरनेवालेश्रमिकऔररिक्शाचलाकरपेटभरनेवालेलोगशामिलहैं।जानेमानेसामाजिककार्यकर्तायोगेन्द्रयादवनेकहाकिबेरोजगारीदरपिछलेवर्षमेंबढ़ीहैऔरलॉकडाउनकेकारणइसमेंकाफीवृद्धिदेखनेकोमिलरहीहै।शहरोंसेश्रमिकोंकागांवकीओरपलायनजारीहै,ऐसेमेंग्रामीणक्षेत्रोंमेंभीरोजगारपरदबावबढ़ेगा,जहांमनरेगारोजगारकाएकबड़ामाध्यमरहाहै।उन्होंनेकहाकिअबराज्योंकेसामनेचुनौतीयहहैकिजोलोगपहलेसेमनरेगामेंकामकरतेरहेहैंउनकेसाथ-साथनएआएप्रवासीमजदूरोंकेलिएभीरोजगारसृजनकरनाहोगा।यादवनेकहा,एकसमस्यायहभीहैकिप्रवासीमजदूरोंमेंसभीलोगगांवहीनहींलौटेंगे,उनमेंसेबहुतबड़ीसंख्याछोटेशहरोंऔरकस्बोंमेंलौटनेवालेलोगोंकीभीहोगी।सरकारकोउनकेलिएभीरोजगारकाकुछउपायकरनाचाहिए।विशेषज्ञोंकाकहनाहैकियहसंकटऔरगहरायेगाजबअगलेदोमहीनेमेंखेतीसेजुड़ेकामखत्महोजायेंगे।