लंदन.प्रदूषणमेंवृद्धिकेकारणपर्यावरणसंबंधीक्षतिऔरमनुष्यकेकारणधरतीकोहोनेवालेनुकसानकोलेकरभारतकेलोगोंकीचिंताबढ़रहीहै.एकनएवैश्विकजलवायुअध्ययनमेंयहजानकारीसामनेआयीहै.एकप्रमुखशोधएजेंसी‘ग्लोकलाइट्स’औरअंतरराष्ट्रीयसंगठन‘ग्लोबलसिटीजन’नेअगलेसप्ताहग्लासगोमेंहोनेवालेजलवायुशिखरसम्मेलनसीओपी26सेपहलेमंगलवारकोवैश्विकमूल्योंपरआधारितजलवायुकार्रवाईसेजुड़ेविशालअध्ययनकेनतीजेजारीकिए.
अध्ययनकेदौरानछहसालकीअवधिमें20देशोंमें2,47,722लोगोंकेसाक्षात्कारकिएगए.इसदौरानलोगोंसेउनकेआसपासकेपर्यावरणऔरजलवायुपरिवर्तनकोलेकरजानकारीहासिलकीगईऔरपायागयाकिदुनियाकी78प्रतिशतआबादीपर्यावरणकेबारेमेंअपनीचिंताओंकोलेकरएकजैसेविचाररखतीहै.अध्ययनमेंपायागया,”भारतमेंलोगोंकीउसनुकसानकेबारेमेंचिंताबढ़रहीहैजोकिमनुष्यकेकारणपृथ्वीकोहोरहाहै.यहआंकड़ावर्ष2014में82प्रतिशतसेबढ़करवर्ष2021में87प्रतिशतहोगयाहै.”
इसकेमुताबिक,”महामारीकेबावजूदवैश्विकस्तरपरपर्यावरणसंबंधीचिंताओंमेंलगातारवृद्धिहुईहै.चीनऔरभारतमेंपर्यावरणसंबंधीचिंताओंकोलेकरइजाफाहुआहै.दोनोंदेशोंमेंप्रदूषणकोलेकरभीचिंताकरनेवालेलोगोंकीसंख्यामेंवृद्धिहुईहै.”
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