उत्तराखंडकेबारेमेंकहाजाताहैकियहांकीबहुतबड़ीआबादीदेशऔरविदेशोंमेंप्रवासपरहै.राज्यमेंपलायनसेकरीब17,000गांवपूरीतरहजन-शून्यहोचुकेहैंऔरयहपलायनलगातारजारीहै.लेकिनकोरोनावायरसकेप्रकोपकेबादइसकाउलटाहोतानजरआरहाहै.दरअसल,कोरोनावायरसकीवजहसेउत्तराखंडकेगांवोंसेपलायनरुकाहै,वहींइससेरिवर्सपलायनकीप्रक्रियाभीशुरूहुईहै.उत्तराखंडपलायनआयोगकेमुताबिक,कोरोनामहामारीकेचलते59,360सेज्यादालोगविभिन्नप्रदेशोंसेउत्तराखंडकेपर्वतीयजिलोंमेंअपनेगांवोंमेंलौटआएहैं.
राज्यकेजिनजिलोंमेंयेप्रवासीलौटेहैंउनमेंपौड़ी,अल्मोड़ा,चंपावत,पिथौरागढ़,टिहरी,उत्तरकाशी,बागेश्वर,रुद्रप्रयाग,नैनीतालऔरचमोलीशामिलहैं.पलायनआयोगवापसलौटीइसमानवसंसाधनकोप्रदेशमेंहीरोकनेऔरउनकेलिएरोजगारकेसाधनजुटानेकेलिएव्यापकसर्वेक्षणभीकरारहाहै.राज्यसरकारनेआजीविकाकेसंसाधनोंमेंवृद्धिकेउपायसुझानेकाजिम्मापूर्वमुख्यसचिवइंदुकुमारपांडेकीअध्यक्षतामेंगठितसमितिकोसौंपाहै.समितिकीपहलीबैठकहोचुकीहै.सर्वेक्षणमेंयहपतालगायाजाएगाकिलोगकिनपरिस्थितियोंमेंपलायनकोमजबूरहोतेरहेहैं.समितियहभीसुझावदेगीकिपलायनपरआमादालोगोंकोअपनेमूलगांवोंमेंखेती-किसानी,पर्यटनव्यवसाय,होटल,होमस्टेसमेतरोजगारकेनएअवसरोंकालाभदेकरप्रदेशमेंहीअपनायोगदानदेनेकेलिएकिसतरहप्रेरितकियाजासकताहै.
हालांकिजोप्रवासीवापसलौटेहैं,वेराज्यगठनकेबादपलायनकरचुकेकरीब15लाखलोगोंकीआबादीकामहजएकछोटा-साहिस्साहैं.ग्राम्यविकासएवंपलायनआयोगकीओरसेरिवर्सपलायनकोलेकरसरकारकोसौंपीगईरिपोर्टमेंसंभावनाजताईगईहैकिलॉकडाउनखुलनेकेबादभीदेशकेअन्यहिस्सोंमेंरहरहेप्रवासीअपनेगांवलौटसकतेहैं.फिलहालजोप्रवासीलौटेहैंउनमें65फीसदलोगविभिन्नराज्योंऔरपांचफीसदलोगविदेशसेलौटेहैं.आयोगकीरिपोर्टमेंदावाहैकिइनमेंसे30फीसदनेलॉकडाउनखुलनेऔरस्थितिसामान्यहोनेकेबादगांवमेंहीरुकनेकीइच्छाजताईहै.
आयोगकेउपाध्यक्षडॉ.एस.एस.नेगीकेमुताबिक,उन्होंनेमुख्यमंत्रीत्रिवेंद्रसिंहरावतकोमुलाकातकरयहरिपोर्टसौंपीऔरइसमेंशामिलबिंदुओंतथासुझावोंकेसंबंधमेंविस्तारसेजानकारीदेतेहुएसचेतभीकियाकिरिवर्सपलायनकेबादपहाड़मेंप्रतिव्यक्तिआयमेंकमीआसकतीहै.रिवर्सपलायनकेबादस्थितियांबदलीहैं.गर्मियोंमेंपर्यटनसेहोनेवालीआयपरअसरपड़ेगातोवेलनेससेक्टरकाभीप्रभावितहोनातयहै.इसेदेखतेहुएप्रवासियोंकेआर्थिकपुनर्वासकाअभियानचलानेकीजरूरतहै.
परउत्तराखंडसांख्यिकीकेपूर्वनिदेशकवाइ.एस.पांगतीकहतेहैं,''राज्यसेबाहरगएलोगोंकीसंख्याकेअनुपातमेंवापसलौटेलोगोंकीसंख्याइतनीकमहैकियहअनुमानगलतहैकिराज्यकीप्रतिव्यक्तिआयऔरजीडीपीघटजाएगी.''हालांकियहसचहैकिराज्यकी30फीसदसेअधिकआर्थिकीमनीऑर्डरपरटिकीहै.आजीविकाकेलिएराज्यसेबाहरगएलोगअपनीकमाईकाएकहिस्साअपनेपरिजनोंकोभेजतेहैं.वैसे,राज्यमेंपर्वतीयक्षेत्रकीआबादीकरीब45लाखहै,ऐसेमेंकरीब60हजारलोगोंकेआनेसेकोईविशेषअंतरआएगा,ऐसाकहनाजल्दबाजीहै.जरूरीनहींकिमाहौलसामान्यहोनेकेबादयेलोगयहांटिकेरहेंगे.
आयोगकीरिपोर्टकेबादमुख्यमंत्रीनेकहाहैकिजोप्रवासीगांवमेंरहकरकुछकरनेकेइच्छुकहैं,उन्हेंसरकारपूरासहयोगकरनेकोतैयारहै.प्रवासियोंसेसुझावलेनेकेलिएएकफॉर्मभीभरवायाजारहाहै,जोइंटरनेटऔरसरकारीसाइट्सपरउपलब्धहै.वहीं,उत्तराखंडलाइवस्टॉकडेवलपमेंटबोर्डकेचीफएग्जीक्यूटिवरहेडॉ.कमलसिंहकहतेहैंकिअगरसरकारप्रवासियोंकोभरोसादिलासकेकिसरकारउनकोसहयोगकरेगीतोगांवोंमेंखालीपड़ीजमीनपरफिरसेफसलेंलहलहासकतीहैं.
लोगोंकोऔद्योगिकीकेसाथहीग्रामीणपर्यटन,साहसिकपर्यटन,एग्रीपर्यटनसेभीजोड़ाजासकताहै.इससेआधुनिकतकनीकोंकाप्रयोगकरतेहुएदुग्धउत्पादन,पशुपालनऔरमछलीपालनजैसेकामोंमेंभीतेजीआसकतीहै.वेकहतेहैंकिइसकेलिएकार्ययोजनाकार्यस्थलपरजाकरहीबनाईजानीचाहिए.