मोहम्मद रफीक, भोपाल। मध्य प्रदेश में बच्चों के लापता होने की स्थिति काफी गंभीर है। बीते आठ साल के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि प्रतिदिन 22 बच्चे प्रदेश से लापता हुए। इनमें से 30 फीसद बच्चों की बरामदगी नहीं हो पाती है। लापता होने वाले कुल बच्चों में बालिकाओं की संख्या करीब ढाई गुना है। आशंका है कि खरीद-फरोख्त के चलते इन बच्चों का अपहरण किया जा रहा है। आदिवासी बहुल बैतूल, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, मंडला आदि से बच्चों के लापता होने की घटनाएं अधिक हुई हैं। इनमें आदिवासी बालिकाओं की संख्या ज्यादा है।
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